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Petrol rate increased with highest peack must read this news

Bhavesh Chothani
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पेट्रोलियम उत्पाद पर सरकार की नई नीति का असर कुछ यूं नजर आ रहा है कि दाम भी बढ़ रहे हैं और शोर भी नहीं मच रहा। 1 जुलाई से 22 अगस्त तक शहर में पेट्रोल की कीमत में पौने छह रुपए की बढ़ोत्तरी हो चुकी है।

डीजल भी खामोशी से मूल्यवृद्धि की सीढ़ियां चढ़ते हुए चार रुपए से ज्यादा महंगा हो चुका है। 16 जून से सरकार ने पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर डायनामिक प्राइजिंग सिस्टम को लागू करने को मंजूरी दे दी थी।


सिस्टम लागू करने से पहले दावा किया गया था कि इससे अंतरराष्ट्रीय मार्केट के हिसाब से तेल की कीमतें निर्धारित होंगी। तेल कंपनियों की ओर से दावा किया गया था कि डायनामिक प्राइजिंग लागू होने का सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा। हालांकि दावे के उलट 1 जुलाई के मुकाबले 22 अगस्त को शहर में पेट्रोल की कीमत 5 रुपए 75 पैसे बढ़ चुकी है।

जबकी डीजल की कीमत में 4 रुपए 7 पैसे का ईजाफा हो चुका है। पेट्रोल 1 जुलाई को 69 रुपए 49 पैसे प्रति लीटर था अब उसके दाम 75 रुपए 24 पैसे प्रति लीटर हो चुके हैं। जबकी डीजल जो 1 जुलाई को 59.50 पैसे में एक लीटर मिल रहा था अब 63.57 पैसे प्रति लीटर बिक रहा है। खास बात है कि ज्यादातर उपभोक्ता लगातार बढ़ रही इस कीमत से पूरी तरह अनजान ही बने हुए हैं।

1 जुलाई से 22 अगस्त तक पेट्रोल के दामों में कुल 18 बार बदलाव हो चुका है। खास बात है कि इसमें एक बार भी कीमत कम नहीं हुई। इन्ही 52 दिनों में 18 बार डीजल की कीमत का भी पुनर्निधारण किया गया। इस दौरान कुल तीन बार ही दाम में कटौती की गई। जबकी 15 बार कीमत में बढ़ोत्तरी कर दी गई। खास बात है कि तीन बार जब भी दाम में कटौती हुई तो वह महज 2 पैसे, 11 पैसे और 25 पैसे तक ही सीमित रही। जबकी बढ़त इससे ज्यादा ही रही।


डायनामिक प्राइजिंग के बहाने की जा रही सतत मूल्यवृद्धि से उपभोक्ता तो खुश हो नहीं सकते पेट्रोल डीलर्स भी नाराज ही हैं। नई नीति लागू होने से पहले ही डीलर्स ने इसका विरोध किया था। इंदौर पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने इसे असुविधाजनक सिस्टम बताया था। दरअसल हर दिन या दूसरे दिन घटने-बढ़ने वाले दाम पंप वालों के लिए परेशानी पैदा कर रहे हैं। इंदौर पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के मुताबिक दाम परिवर्तन की सूचना रात करीब 10 बजे पेट्रोल पंप वालों को कंपनियों की ओर से भेजी जाती है।

 पहले की तरह अब रात 12 बजे की बजाए नए दाम सुबह 6 बजे से लागू करना होते हैं। जो पंप ऑटोमैटेड हैं। वहां दाम बदलने के लिए तय समय पर कम्प्यूटर में बदले दाम फीड करना होता है। जबकी जो पंप ऑटोमैटेड नहीं हैं वहां पंप वालों को खुद एक-एक मशीन में पासवर्ड डालकर नया दाम फीड करना होता है। एसोसिएशन के मुताबिक शहर और आसपास मौजूद पंपों में से सिर्फ 40 प्रतिशत की ऑटोमैटेड हैं।

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